मजदूर साबिर मलिक, और हाजी अशरफ भाजपा शासित महाराष्ट्र और हरियाणा में बीते 24 घंटे में मॉब लिंचिंग की दो वारदात हुई हैं।
भाजपा शासित महाराष्ट्र और हरियाणा में बीते 24 घंटे में मॉब लिंचिंग की दो वारदात हुई हैं।
महाराष्ट्र में ट्रेन में सफर कर रहे हाजी अशरफ पर गौमांस ले जाने का आरोप लगाकर जानवरों की तरह पीटा गया, शुक्र है उनकी जान बच गई।
हरियाणा के चरखी दादरी में बंगाल के मजदूर साबिर मलिक को सिर्फ संदेह में तथाकथित गौरक्षकों ने पीट-पीट कर मार डाला।
दोनों ही घटनाएं असहनीय और अस्वीकार्य है।
मॉब लिंचिंग की इन वारदातों के ख़िलाफ सरकारें सख्त नहीं हो रही हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर कब तक हमारे लोगों को “मॉब लिंचिंग” के नाम पर यूं ही बेरहमी से कत्ल किया जाता रहेगा?
मॉब लिंचिंग करने वालों को मृत्यू दंड दिया जाना चाहिए, वरना मॉब लिंचिंग की ये घटनाएं होती रहेंगी।
आज़ाद समाज पार्टी- काशीराम के अध्यक्ष ने कहा कि
मैं सम्बन्धित राज्य सरकारों से मांग करता हूं मॉब लिंचिंग में जान गंवाने वाले मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपया बतौर मुआवज़ा दिया जाए और मुआवज़े की ये रक़म मॉब लिंचिंग करने वालों से वसूली जाए। ताकि पता चले कि हमारे लोगों की जान, उनका लहू इतना सस्ता नहीं है कि उसे यूं ही बहा दिया जाए।
सरकार या तो इन घटनाओं पर पूर्ण विराम लगा ले, वरना मैं पूरे देश में आंदोलन करूंगा।
जब विपक्ष के नेता मुसलमानों का नाम लेने से ‘डर’ रहे हों, तब चंद्रशेखर आजाद मुसलमानों के लिए ऐलेनिया तौर पर “हमारे लोग” शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। चंद्रशेखर सरकारों को चेता रहे हैं कि, “हमारे लोगों की जान, उनका लहू इतना सस्ता नहीं है कि उसे यूं ही बहा दिया जाए।”