Sakshi Joshi: इस देश में जो जीवित हैं वो अपनी क़िस्मत से ही ज़िंदा हैं क्योंकि कोई कभी भी ,कहीं भी, बेवजह, बिना किसी गलती के, यहाँ यूँ ही मारा जा सकता है
इस देश में जो जीवित हैं वो अपनी क़िस्मत से ही ज़िंदा हैं
क्योंकि कोई कभी भी ,कहीं भी, बेवजह, बिना किसी गलती के, यहाँ यूँ ही मारा जा सकता है – वरिष्ठ पत्रकार साक्षी जोशी
दिल्ली हहादसे दसे में AAP अपनी जवाबदेही नहीं मानेगी बिल्कुल उसी तरह जैसे दूसरी कोई पार्टी नहीं मानना चाहती, कहेंगे केजरीवाल जेल में हैं, LG हमें सरकार चलाने नहीं देते, MCD का क्या ही बताएँ…वग़ैरह वग़ैरह
तो भई सीधी सी बात है जनता को इससे कोई मतलब नहीं है, वो आपको चुनती है काम करने के लिए, नहीं कर सकते तो इस्तीफ़ा दे दीजिए।
कभी कोचिंग सेंटर में आग लग जाती है तो कभी बैठकर पढ़ रहे बच्चे लाइब्रेरी में बैठे बैठे पानी में बह जाते हैं… सब कल्पना से परे है
ये सब इसलिए भी हो रहा है कि देश की जनता ही पार्टियों में बंट चुकी है, हम सबसे ज़्यादा टैक्स तो देंगे लेकिन जवाबदेही किसी से नहीं माँगेंगे … हम वोट देंगे लेकिन सवाल नहीं पूछेंगे … वोट देकर सवाल तो और भी ज़्यादा हक़ से पूछना चाहिए पर नहीं… हम ऐसे ही मरते रहेंगे और शुक्र मनाएँगे कि इस बार भी हम और हमारे बच्चे बच गए… लेकिन कब तक?