जून 13, 2025
हरिद्वार, उत्तराखंड में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल समाज को झकझोर दिया है, बल्कि मां-बेटी के पवित्र रिश्ते को भी कलंकित कर दिया है।
हरिद्वार, उत्तराखंड में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल समाज को झकझोर दिया है, बल्कि मां-बेटी के पवित्र रिश्ते को भी कलंकित कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष अनामिका शर्मा पर अपनी 13 साल की नाबालिग बेटी का अपने प्रेमी सुमित पटवाल और अन्य लोगों से यौन शोषण कराने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और मानवता पर सवाल उठाए हैं।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता अपने पिता के साथ रह रही थी, क्योंकि माता-पिता के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा था। पीड़िता ने अपने पिता को बताया कि उसकी मां ने उसे अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के हवाले कर दिया, जिन्होंने कई बार उसका यौन शोषण किया। पीड़िता के पिता ने जब बेटी के गुमसुम रहने की वजह जानी, तो उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें यौन शोषण की पुष्टि हुई। इसके बाद कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज किए गए। पुलिस ने अनामिका शर्मा और उनके प्रेमी सुमित पटवाल को हरिद्वार के शिव मूर्ति चौक के पास एक होटल, युग रेजीडेंसी, से गिरफ्तार किया। सुमित ने यह होटल लीज पर लिया था। हालांकि, सुमित का एक दोस्त अभी भी फरार बताया जा रहा है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना जनवरी 2025 में शुरू हुई, जब अनामिका ने अपनी बेटी को घुमाने के बहाने अपने प्रेमी सुमित और उसके दोस्त शुभम के साथ भेल स्टेडियम की ओर ले गई। वहां शराब के नशे में धुत सुमित और शुभम ने कथित तौर पर अनामिका की सहमति से नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि उसकी मां ने उसे डराया-धमकाया और कहा कि यह "सामान्य बात" है। इस तरह की घटनाएं कथित तौर पर सात से आठ बार हुईं, जिसमें पीड़िता को शराब पिलाकर उसका शोषण किया गया।
भाजपा ने इस घटना के सामने आने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए अनामिका शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने निष्कासन की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी इस तरह के जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं करती।
यह मामला बच्चों के यौन शोषण से संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, और मामले की जांच गहनता से की जा रही है। इस घटना ने समाज में गहरे आक्रोश और दुख को जन्म दिया है, और लोग इस तरह की अमानवीय घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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