जून 13, 2025
हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इसराइल ने ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते की घोषणा की है।
हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इसराइल ने ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते की घोषणा की है। यह समझौता ग़ज़ा में चल रहे मानवीय संकट को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जहां लाखों लोग भोजन, पानी, और अन्य आवश्यक आपूर्तियों की कमी से जूझ रहे हैं। इस समझौते के तहत यूएई द्वारा प्रदान की जाने वाली "तत्काल मानवीय सहायता" को ग़ज़ा में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिसका प्रारंभिक चरण लगभग 15,000 नागरिकों की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित होगा।
समझौते की पृष्ठभूमि
इसराइल और यूएई के बीच संबंध 2020 में अब्राहम समझौते के बाद से सामान्यीकरण की दिशा में आगे बढ़े हैं। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया, जिसका प्रभाव क्षेत्रीय स्थिरता और मानवीय पहलुओं पर भी देखा जा रहा है। ग़ज़ा में हाल के महीनों में मानवीय स्थिति बदतर हुई है, विशेष रूप से इसराइल द्वारा लगाए गए 11-सप्ताह के नाकाबंदी के बाद, जिसने सहायता प्रवाह को गंभीर रूप से बाधित किया था।
इस संदर्भ में, यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद और इसराइल के विदेश मंत्री गिदोन सा’र के बीच हाल ही में हुई टेलीफोन वार्ता ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया। इस समझौते का उद्देश्य न केवल तत्काल राहत प्रदान करना है, बल्कि क्षेत्र में दीर्घकालिक मानवीय ट्रस, युद्धविराम, और बंधकों की रिहाई के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को पुनर्जनन देना भी है।
समझौते का विवरण
प्रारंभिक लक्ष्य: इस समझौते के पहले चरण में, यूएई द्वारा प्रदान की गई सहायता ग़ज़ा में लगभग 15,000 लोगों की खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी। यह सहायता विशेष रूप से उन क्षेत्रों में केंद्रित होगी जहां भुखमरी और संसाधनों की कमी सबसे गंभीर है।
प्रवेश की अनुमति: इसराइल ने रविवार को घोषणा की थी कि वह ग़ज़ा में सीमित मात्रा में मानवीय सहायता की अनुमति देगा, जिसके बाद यूएई ने इस अवसर का लाभ उठाकर तत्काल सहायता भेजने की योजना बनाई। यह कदम 11-सप्ताह की नाकाबंदी के बाद उठाया गया है, जिसने ग़ज़ा में सहायता पहुंच को लगभग पूरी तरह रोक दिया था।
लॉजिस्टिक्स और कार्यान्वयन: हालांकि समझौते का विवरण अभी पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यूएई सहायता के वितरण के लिए इसराइल के साथ समन्वय करेगा। सहायता में मुख्य रूप से खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक आपूर्तियां शामिल होंगी।
चुनौतियां और आलोचनाएं
जबकि इस समझौते को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, कुछ गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और मानवीय संगठनों ने इसे "अपर्याप्त" करार दिया है। मेडिसिन्स सैंस फ्रंटियर्स (एमएसएफ) ने कहा है कि ग़ज़ा में सहायता की मात्रा अभी भी आवश्यकता की तुलना में बहुत कम है। ग़ज़ा में मानवीय स्थिति को "विनाशकारी" बताते हुए, संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने चेतावनी दी है कि सहायता का प्रवाह अभी भी पर्याप्त नहीं है और भुखमरी का खतरा बना हुआ है।
इसके अलावा, इसराइल द्वारा प्रस्तावित एक नए सहायता तंत्र को यूएई, संयुक्त राष्ट्र, और अन्य सहायता संगठनों ने खारिज कर दिया था, क्योंकि इसे सुरक्षित और प्रभावी नहीं माना गया। इसराइल का तर्क था कि नया तंत्र सहायता को अधिक सुरक्षित रूप से पहुंचाने में मदद करेगा, लेकिन इसकी आलोचना ने इस समझौते को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
यह समझौता न केवल ग़ज़ा के लिए तत्काल राहत प्रदान करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह इसराइल और यूएई के बीच बढ़ते सहयोग का भी प्रतीक है। अब्राहम समझौते के बाद से, यूएई मध्य पूर्व में एक मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और मानवीय सहायता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि, ग़ज़ा में युद्ध और हिंसा के बीच इस समझौते का प्रभाव सीमित हो सकता है, जब तक कि व्यापक युद्धविराम और शांति वार्ता को बढ़ावा नहीं दिया जाता।
इसराइल और यूएई के बीच यह समझौता ग़ज़ा में मानवीय संकट को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, यह केवल एक प्रारंभिक प्रयास है, और ग़ज़ा में लाखों लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए और अधिक व्यापक और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। इस समझौते ने न केवल दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कूटनीतिक प्रयास मानवीय संकटों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भविष्य में, इस तरह के सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए एक मॉडल बन सकते हैं, बशर्ते सभी पक्ष व्यापक समाधानों के लिए प्रतिबद्ध हों।
All Rights Reserved © 2025 Town Live News ®
Leave a Comment